Guru Kripa
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Here is the Manu Smriti text in Sanskrit and its translation is mentioned below:
पाषण्डिनो विकर्मस्थान्बैडालव्रतिकांछठान्।
हैतुकान्वकवृत्तींश्च वाड्मात्रेणापि नार्चयेत्।।
अर्थ- पाखंडी, बुरे कर्म करने वाला, दूसरों को बेवकूफ बनाकर उनका धन ठगने वाला,
दूसरों को दुख पहुंचाने वाला और वेदों में श्रद्धा न रखने वाला. इन 5 प्रकार के लोगों को
अपना अतिथि नहीं बनाना चाहिए. और इनसे जल्द-से-जल्द छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए
पाषण्डिनो विकर्मस्थान्बैडालव्रतिकांछठान्।
हैतुकान्वकवृत्तींश्च वाड्मात्रेणापि नार्चयेत्।।
अर्थ- पाखंडी, बुरे कर्म करने वाला, दूसरों को बेवकूफ बनाकर उनका धन ठगने वाला,
दूसरों को दुख पहुंचाने वाला और वेदों में श्रद्धा न रखने वाला. इन 5 प्रकार के लोगों को
अपना अतिथि नहीं बनाना चाहिए. और इनसे जल्द-से-जल्द छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए